पनघट की सादगी: एक गाँव और मेहमान की कहानी
पनघट की सादगी: एक गाँव और मेहमान की कहानी(Gaon Ke Mehmaan Bhojpuri Story):-
गाँव के मेहमान
Gaon Ke Mehmaan Bhojpuri Story
गाँव के पनघट पर सुबह-सुबह हल्का धुंध छाई हुई थी। सूरज की पहली किरण जैसे धीरे-धीरे खेतों की हरी-भरी फसल पर पड़ रही थी। गाँव के लोग अपने-अपने काम में व्यस्त थे। कोई खेत में हल चला रहा था, कोई गाय को चरा रहा था, तो कोई घर की झोपड़ी के बाहर बैठकर चाय पी रहा था।
रामजी, जो गाँव के बुजुर्ग और सबके आदरणीय थे, आज भी अपने नित्य के अनुसार सुबह-सुबह पनघट पर आ गए। उनके हाथ में लाठी और चेहरे पर मुस्कान थी। गाँव के बच्चे उनका स्वागत करते हुए इधर-उधर दौड़ रहे थे।

“रामजी, आज आप पनघट पर क्यों आए?” छोटे मोहन ने उत्सुकता से पूछा।
रामजी हंसते हुए बोले, “आज एक खास मेहमान गाँव आ रहे हैं। उनका स्वागत करना हम सबकी जिम्मेदारी है।”
सचमुच, थोड़ी देर बाद गाँव की सड़क पर एक रंग-बिरंगी गाड़ी आई। गाड़ी से उतरे एक आदमी और उसके साथ उसकी पत्नी। उनके हाथ में कुछ बैग और आँखों में चमक थी। गाँव वालों ने जैसे ही उन्हें देखा, सबके चेहरे पर कौतूहल और उत्साह झलकने लगा।
रामजी ने उन्हें गाँव की ओर ले जाकर सबसे मिलवाया। गाँव के लोग जैसे ही उनके पास पहुंचे, गाने और नाच की तैयारी शुरू हो गई। महिलाएं अपने पारंपरिक भोजपुरी लहंगा-चोली में सज-धज कर आईं और बच्चों ने छोटा-छोटा ढोल बजाया।
मेहमान ने गाँव के हर नुक्कड़ की तारीफ की। खेतों की हरियाली, मिट्टी की खुशबू और गाँव वालों की साधारणता ने उन्हें बहुत प्रभावित किया। “आप लोग कितने मेहनती और सरल हैं!” उन्होंने रामजी से कहा।
दिन भर गाँव में उत्सव सा माहौल बना रहा। गाँव के लोग अपने-अपने तरीके से मेहमानों को खुश रखने की कोशिश कर रहे थे। रामजी ने उन्हें गाँव के पुराने तालाब और हरा-भरा खेत दिखाए। मेहमानों ने बच्चों के साथ खेला, गाय-भैंसों को देखा और गाँव की मिट्टी में अपने हाथ गंदे किए।
शाम को जब सूर्य ढल रहा था, गाँव के बुजुर्गों ने आग के चारों ओर बैठकर गाँव की पुरानी कहानियाँ सुनाईं। मेहमान भी उन कहानियों में खो गए। उन्होंने महसूस किया कि गाँव की सादगी और यहाँ के लोगों की आत्मीयता ही असली धन है।
अंत में रामजी ने कहा, “गाँव का मेहमान बनना कोई आसान बात नहीं है। लेकिन जब आप गाँव की मिट्टी, हवा और लोगों से जुड़ते हैं, तो आप हमेशा यहाँ के हो जाते हैं।”
मेहमान हँसते हुए बोले, “हम कभी भी इस गाँव को नहीं भूलेंगे। यहाँ का प्यार और अपनापन हमारी यादों में हमेशा रहेगा।”
और इसी तरह, एक सामान्य दिन गाँव में एक यादगार उत्सव में बदल गया। गाँव वालों की सरलता और मेहमानों का आनंद, दोनों ही दिल में हमेशा के लिए बस गए।
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