तीसरी नवरात्रि की कथा – माँ चंद्रघंटा की पूजा और महत्व

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तीसरी नवरात्रि की कथा – माँ चंद्रघंटा की पूजा और महत्व(Maa Chandraghanta Navratri Day 3 Story):- 

🌺 तीसरी नवरात्रि की कथा – माँ चंद्रघंटा

नवरात्रि के तीसरे दिन माँ दुर्गा के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा की जाती है। यह स्वरूप शांति, साहस और वीरता का प्रतीक है।


🌿 कथा

माँ दुर्गा का यह रूप उनके विवाह के समय प्रकट हुआ। जब माँ पार्वती ने कठोर तपस्या करके भगवान शिव को पति के रूप में प्राप्त किया, तब उनके विवाह की तैयारी होने लगी।

Maa Chandraghanta
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भगवान शिव जब बारात लेकर हिमालय के घर पहुँचे तो उनका रूप अत्यंत भयानक था। वे बाघ की खाल पहने हुए थे, शरीर पर भस्म लिपटी हुई थी, गले में साँप थे, और उनके साथ भूत-प्रेतों की टोली थी। यह देखकर पर्वतराज हिमालय और माता मैना भयभीत हो गए।

तभी माँ पार्वती ने अपने दिव्य स्वरूप का आह्वान किया। उन्होंने अपने मस्तक पर अर्धचंद्र धारण किया और उनके गले में सोने की घंटी बंधी थी। इसी कारण वे चंद्रघंटा कहलायीं। इस रूप में माँ ने अपने तेज से शिवजी को शांत किया और विवाह संपन्न हुआ।

इसके अलावा, देवी चंद्रघंटा ने असुरों का संहार भी किया और अपने भक्तों की रक्षा की। इसीलिए यह रूप वीरता और शांति का अद्भुत संगम माना जाता है।


🌼 स्वरूप

  • माँ चंद्रघंटा का शरीर स्वर्ण के समान चमकता है।

  • इनके मस्तक पर अर्धचंद्र है।

  • इनके गले में एक घंटी है, जिसकी ध्वनि से असुर काँप उठते हैं।

  • दस भुजाओं में त्रिशूल, गदा, कमल, धनुष-बाण, तलवार और अन्य शस्त्र हैं।

  • इनका वाहन सिंह है, जो वीरता और पराक्रम का प्रतीक है।


✨ महत्व

  • माँ चंद्रघंटा की पूजा से भय और शत्रुओं से मुक्ति मिलती है।

  • साधक को साहस, आत्मविश्वास और वीरता प्राप्त होती है।

  • इनके आशीर्वाद से जीवन में शांति और सौम्यता आती है।

  • माना जाता है कि यह दिन साधक के मणिपुर चक्र को जागृत करता है, जिससे आत्मशक्ति और ऊर्जा बढ़ती है।


🙏 पूजा विधि

  1. सुबह स्नान करके पीले या लाल वस्त्र धारण करें।

  2. माँ चंद्रघंटा की प्रतिमा या चित्र को स्थापित करें।

  3. धूप-दीप जलाकर चंदन, अक्षत और लाल फूल अर्पित करें।

  4. भोग में दूध और उससे बने व्यंजन विशेष प्रिय हैं।

  5. “ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः” मंत्र का जाप करें।

  6. अंत में माता से प्रार्थना करें –
    “हे माँ चंद्रघंटा, मेरे जीवन से भय दूर करो और साहस व शांति प्रदान करो।”


🌸 सीख

माँ चंद्रघंटा की कथा हमें यह सिखाती है कि शक्ति का सही प्रयोग शांति और धर्म की रक्षा के लिए होना चाहिए
माँ का यह रूप बताता है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएँ, साहस और आत्मविश्वास से उनका सामना किया जा सकता है।

 

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